Hindi Typing Test - अंहकार की गति
Hindi Typing Test
एक मूर्तिकार उच्चकोटि की ऐसी मूर्तियां बनाता था जो वास्तव में सजीव लगती थी। लेकिन उस मूर्तिकार को अपनी इस कला पर बडा घमंड था। उसे जब लगा कि जल्दी उसकी मृत्यु होने वाली है तो वह परेशानी में पड गया।
यमदूतो को भ्रमित करने के लिए उसने एकदम अपनी जैसी मूर्ति बना डाली और योजनानुसार उन बनाई गई उन मूर्तियों के बीच स्वयं जाकर बैठ गया। यमदूत जब उसे लेने आये तो एक जैसी ग्यारह आकृतियां देखकर स्तम्भित रह गये। इनमें से वास्तविक मनुष्य कौन है नही पहचान पाये। वे सोचने लगे अब क्या किया जाए मूर्तिकार के प्राण अगर न ले सके तो संसार का नियम टूट जायेगा और सत्य परखने के लिए मूर्तियां तोडे तो कला का अपमान होगा।
अचानक एक यमदूत को मानव स्वभाव के सबसे बडे दुर्गुण अंहकार की स्मृति आई। उसने चाल चलते हुए कहा काश इन मूर्तियो को बनाने वाला मिलता तो मै उसे बताता कि मूर्तियां तो अति सुन्दर बनाई है लेकिन इनको बनाने में एक त्रुटि रह गई।
यह सुनकर मूर्तिकार का अंहकार जाग उठा कि मेरी कला में कमी कैसे रह सकती है फिर इस कार्य में तो मैनें अपनी पूरा जीवन समर्पित किया है। वह बोल उठा कैसी त्रुटि झट से यमदूत ने उसका हाथ पकड लिया और बोला बस यही त्रुटि कर गए तुम अंहकार में भूल गए कि बेजान मूर्तियां बोला नहीं करती।
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