Typing Tips Guide in Hindi
Discover the best practices and tips for typing in Hindi. Learn how to use the right tools and techniques to improve your typing speed and accuracy in Hindi!
अपनी टाईपिंग में सुधार लावें
आपने टाईपिंग सीखने की कोशिश की है और यदि आप इसमें सफल नहीं हो पाए हैं, या सीख तो गए हैं लेकिन स्पीड नहीं बढ़ पा रही है, तो आप एक बार फिर से अपनी टाईपिंग के समय अपनाई जाने वाली गतिविधियों का आंकलन करें। इससे शायद आप पता कर पाएंगे कि आप कहाँ गलती कर रहे हैं।
सही तरीके से बैठना (Proper Sitting Posture)
जब आप लंबे समय तक लगातार टाईपिंग करते हैं, तो आपके बैठने के तरीके का सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। सही तरीके से बैठकर टाईप करने से न केवल आपकी टाईपिंग स्पीड को बेहतर होती है, बल्कि यह आपके शरीर पर होने वाले तनाव या मांसपेशियों के खिंचाव में भी कमी आती है। गलत तरीके से लंबे समय तक बैठकर टाईप करने से गर्दन, पीठ, कलाई और कंधों में दर्द हो सकता है, जो बाद में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, हमेशा टाईप करते समय सही तरीके से बैठे।
दोनों हाथ एवं कलाई तथा उंगलियों की सही स्थिति (Proper Position of Hands, Wrists, and Fingers)
हाथों का सही स्थान (Correct Hand Position)
हाथों को कीबोर्ड पर आराम से रखें। आपकी उंगलियाँ कीबोर्ड के पास स्थिर रहें, और टाईप करते समय उंगलियाँ सही तरीके से कीज को दबाएं। शुरू शुरू में जब आप पहली बार टाईप करने लगेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि इन हाथों को हमेशा अधर हवा में रखूं या टेबल पर टिका कर रख लू।
कलाई की स्थिति (Wrist Position)
कलाई को टाईपिंग करते वक्त सीधा और आरामदायक रखें। कलाई को नीचे या ऊपर झुका कर टाईपिंग न करें। इससे कलाई में अत्यधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे कलाई के दर्द या कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ध्यान रखें, आपकी कलाई आप टेबल पर टिका कर रख सकते हैं, जैसे-जैसे आप टाईपिंग में पारंगत होंगे, आप महसूस करेंगे कि आपकी कलाई अपने आप टेबल से उठकर अधर हवा में काम करना शुरू कर देती है।
उंगलियों की स्थिति (Finger Position)
आपकी उंगलियाँ कीबोर्ड के ऊपर सही तरीके से रखी जाएं, और हर उंगली अपनी निर्धारित जगह पर काम करे। यह भी महत्वपूर्ण है कि आप उंगलियों का ज्यादा जोर न लगाएं, जिससे हाथों की मांसपेशियाँ आरामदायक स्थिति में रहें। उंगलियों को हमेशा होम रो में रखें, जिसे टाईपिंग सीखने के पहले अध्याय में ही बताया जाता है।
सही डेस्क की ऊंचाई का महत्व (Importance of Desk Height)
डेस्क की ऊंचाई (Desk Height)
आपका डेस्क और चेयर की ऊंचाई सही होनी चाहिए, ताकि आप सही मुद्रा में बैठ सकें। यदि आपका डेस्क बहुत ऊंचा या बहुत नीचा है, तो यह आपके हाथों और कलाई पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। लगभग ढाई फिट (30 Inch) के आसपास की टेबल की ऊंचाई एक औसत व्यक्ति के लिए ठीक रहती है।
चेयर की ऊंचाई (Chair Height)
आपकी कमर को अच्छे से सपोर्ट देना चाहिए। कुर्सी पर पीछे खिसक कर बैठें ताकि आपकी पीठ को आराम मिले। आपके पैरों को फ्लोर पर पूरी तरह से टिके होना चाहिए। यदि आपके पैर फ्लोर से न टिक रहे हों, तो एक फुटस्टूल का उपयोग करें। सही डेस्क की ऊंचाई और आरामदायक सीटिंग आपके शरीर पर कम दबाव डालते हैं और टाईपिंग के दौरान आपको बेहतर फोकस और कम थकावट का अनुभव होता है।
आंगुलियों में सूजन (Swelling in Fingers)
जब आप पहली बार टाईपिंग सीखेंगे और लंबे समय तक टाईपिंग करेंगे, तब आपकी अंगुलियों में सूजन आ सकती है। इसके उपचार के लिए आप हल्के गुनगने पानी में खाने वाला नमक मिलाकर उस पानी में अपनी अंगुलियों को रखें, जिससे कि आपके अंगुलियों के दर्द और सूजन दोनों में आराम मिलेगा। यह तरीका मैंने अपनाया था, जब केवल 14 दिनों में मैंने हिन्दी की टाईपिंग शून्य से 35 शब्द प्रति मिनट तक सीखी थी।
कीबोर्ड लेआउट का चयन
QWERTY लेआउट और अन्य लेआउट (रेमिंगटन, देवलीस, आदि) का अवलोकन:
कीबोर्ड का लेआउट टाइपिंग के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सबसे आम कीबोर्ड लेआउट QWERTY है, जिसे अंग्रेजी टाइपिंग के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अलावा, हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड लेआउट होते हैं, जैसे रेमिंगटन और देवलीस। यहां आपको ध्यान देना है कि आपकी प्रतियोगिता परीक्षा जैसे कि सूचना सहायक, डाक सहायक, रेलवे या हाई कोर्ट कनिष्ठ सहायक अथवा हिन्दी ट्रान्सलेटर की प्रेस विज्ञप्ति में हिन्दी टाईपिंग के लिये कौनसा फोन्ट दिया गया है, हर फोन्ट का अपना एक केरेक्टर मैप होता है जिससे कि की-बोर्ड के एक निश्चित बटन को दबाने पर उस मैप में मौजूद या यू कहें संबंधित हिन्दी भाषा का वो अक्षर दिखाई देता है।
यह करेक्टर मैप वह संस्था अथवा डवलपर जिसने वो फोन्ट बनाया होता है, उस पर निर्भर करता है, उदाहरण के लिये देवलीस हिन्दी फोन्ट का की-बोर्ड ले आउट निम्नानुसार होता है।
संख्यात्मक कीपैड और विशेष प्रतीकों का सही तरीके से उपयोग
संख्यात्मक कीपैड का उपयोग संख्याओं को जल्दी और सही तरीके से टाइप करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, कीबोर्ड पर उपलब्ध विशेष प्रतीकों का सही उपयोग (जैसे /, रु, $, :, -, आदि) भी महत्वपूर्ण है। इन प्रतीकों को सही तरीके से टाइप करने के लिए आपको कीबोर्ड पर उनके स्थान को पहचानना होगा और अभ्यास के माध्यम से इनका सही इस्तेमाल करना होगा।
टाइपिंग के दौरान सही लेआउट का चयन करना आपके काम की गति और सटीकता को बढ़ा सकता है।
टच टाईपिंग तकनीक और इसके लाभ
आपने हमेशा देखा होगा, जिनको अच्छे से टाईपिंग आती है वो लोग कभी भी की-बोर्ड की तरफ नहीं देखते, वे केवल उस कन्टेन्ट की तरफ देखते है जिसको टाईप किया जाना है।
टच टाईपिंग तकनीक
यानी कीबोर्ड को देखे बिना टाइप करना, एक अत्यंत महत्वपूर्ण कौशल है जो आपकी टाइपिंग स्पीड और सटीकता को बढ़ाता है। इस तकनीक से, आप मांसपेशियों की याददाश्त के जरिए कुंजियों की स्थिति सीखते हैं और बिना देखे टाइप करना संभव हो जाता है।
शुरुआत में, यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आप अभ्यास करते हैं, आपकी उंगलियां स्वाभाविक रूप से सही कुंजियों पर पहुँचने लगती हैं, जिससे टाइपिंग में तेजी और सटीकता आती है।
"10 Finger Typing" का महत्व
इसके साथ ही, "10 Finger Typing" अनुसरण करने से टाईपिंग की गति और सटीकता में और भी सुधार होता है। इस पद्धति में आप अपनी दोनों हाथों की सभी दस अंगुलियों का उपयोग करते हैं, जिससे टाइपिंग और भी तेज और आरामदायक बनती है। शुरुआत में यह पद्धति थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास करने से आपकी सभी अंगुलियाँ सही तरीके से कीबोर्ड का उपयोग करने लगती हैं।
इसके लिए विभिन्न अभ्यास विधियाँ उपलब्ध हैं, जो धीरे-धीरे आपकी टाईपिंग गति को बढ़ाने में मदद करती हैं और आपको बिना थके अधिक समय तक टाईप करने में सक्षम बनाती हैं।
अंगुलियों के सही उपयोग की आदतें
इस प्रकार, Touch Typing और 10 Finger Typing दोनों मिलकर आपके टाईपिंग कौशल को उच्च स्तर तक पहुँचाने में मदद करती हैं। आप अपनी सभी अंगुलियों से टाईप करने का प्रयास करें संबंधित अक्षर को। उदाहरण के लिये सामान्यतया लोग 'B' बटन को दबाने के लिये बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली या इंडेक्स फिंगर का उपयोग करते हैं लेकिन आपको बता दूं, जो लोग पूर्णतया पारंगत हो चुके हैं टाईपिंग में वे, 'B' बटन को दाएं हाथ की तर्जनी अंगुली से भी टाईप कर लेते हैं। इसके पीछे मैंने तो यह कारण पाया है कि मूलतः व्यक्ति दाएं हाथ से कार्य करने का आदी है या बाएं हाथ से कार्य करने का।
इसलिये हमेशा कोशिश करें कि अक्षर आपकी अंगुलियों का याद हो नाकि आपकी आँखों को। एक बार जब आप बेसिक या मूलभूत टाईपिंग के अध्याय पूरे कर चुके हैं, तब आपको हमेशा जब भी आप टाईपिंग का अभ्यास कर रहे हैं, तो की-बोर्ड की तरफ बिना देखे टाईपिंग का प्रयास करना है। यह अपने दिमाग में बैठा लें यदि आपको अच्छी टाईपिंग स्पीड हासिल करनी है और टाईपिंग एग्जाम पास करना है। एक बार आपने ठान लिया तो आपका दिमाग अपने आप मसल मैमोरी बनाना शुरू कर देगा, आपकी अंगुलियों को अक्षर याद हो जायेंगे।
नियमित रूप से टाईपिंग सॉफ्टवेयर पर अभ्यास करें
अच्छी टाईपिंग स्किल्स विकसित करने के लिए, नियमित अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्न टाईपिंग सॉफ्टवेयर और टूल्स हैं जिनका उपयोग आप अपने अभ्यास में कर सकते हैं, जैसे:
ये टूल्स आपको अपनी टाईपिंग स्पीड और सटीकता दोनों में सुधार करने में मदद करते हैं। ये सॉफ्टवेयर धीरे-धीरे आपको कीबोर्ड पर कुशलता से टाईप करने का अभ्यास देते हैं और आपकी प्रगति पर नजर रखने के लिए विभिन्न स्तरों के अभ्यास सेट करते हैं।
दैनिक अभ्यास की दिनचर्या बनाना
हर दिन कुछ समय टाईपिंग अभ्यास के लिए निर्धारित करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आप लगातार अभ्यास कर रहे हैं और आपकी टाईपिंग स्किल्स में सुधार हो रहा है। आप एक दैनिक अभ्यास शेड्यूल बना सकते हैं, जैसे:
- 15 मिनट टाईपिंग सॉफ्टवेयर पर नियमित अभ्यास करना है।
- कुछ मिनटों के लिए ऑनलाइन टाईपिंग टेस्ट देना है।
- टाईपिंग के दौरान अपनी नेट स्पीड और ग्रास स्पीड गति और सटीकता को ट्रैक करना।
- टाईपिंग स्पीड में लगातार सुधार करना है इसलिये आप टाईपिंग से संबंधित मनोरंजक ऑनलाईन टाईपिंग गेम्स Typing Games भी खेल सकते हैं।
स्पीड बढ़ाने के टिप्स
टाईपिंग स्पीड को बिना सटीकता को खोए बढ़ाना संभव है। इसके लिए कुछ खास टिप्स और रणनीतियाँ हैं:
- फोकस रखें: टाईप करते वक्त ध्यान रखें कि आप अपनी उंगलियों की स्थिति और कीबोर्ड पर सही कुंजी दबा रहे हैं।
- सटीकता या ऐक्यूरेसी पर ध्यान दें: शुरुआत में गति से अधिक सटीकता पर ध्यान दें। जब आपकी सटीकता बढ़ेगी, तो स्वाभाविक रूप से गति भी बढ़ेगी। प्रतियोगिता परीक्षाओं में सटीकता या ऐक्यूरेसी बहुत मायने रखती है। इसलिये टाईपिंग सीखने की शुरूआत से ही इस बात पर ध्यान रखें कि आप जब भी अभ्यास करने के लिये टाईपिंग टेस्ट दे रहे तब अच्छी ऐक्यूरेसी के साथ टाईप करें।
- हफ्ते में एक दिन गति बढ़ाने के लिए अतिरिक्त अभ्यास करें: जैसे-जैसे आप आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, अपनी गति को चुनौती देने के लिए टाईपिंग के स्तर को बढ़ाएं।
ऑनलाइन टाईपिंग टेस्ट का उपयोग करें
टाईपिंग टेस्ट की मदद से आप अपनी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं। हमारी वेबसाइट्स पर मुफ्त ऑनलाइन टाईपिंग टेस्ट उपलब्ध हैं, जो आपकी गति और सटीकता दोनों का मापदंड देते हैं। ये टेस्ट आपके अभ्यास में मदद करेंगे और जिससे आप कहीं भी टाईपिंग टेस्ट दे सकते हैं, क्योंकि अक्सर जो लोग सरकारी एग्जाम की तैयारी कर रहे होते हैं वे किसी प्राइवेट जॉब में कार्यरत भी हो सकते हैं, ऐसे में हो सकता है जिस कंप्यूटर पर वे बैठे हो, उनको ऑफलाइन सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने की अनुमति नहीं हो, ऐसे में यह ऑनलाइन टेस्ट उनके बहुत काम आते हैं।
सटीकता पहले, गति बाद में
टाईपिंग में सबसे महत्वपूर्ण पहलू सटीकता है। यदि आप सही तरीके से टाईप करेंगे, तो गति स्वतः बढ़ेगी। शुरुआत में अपनी टाईपिंग में सटीकता पर अधिक ध्यान दें और जब आप इसमें पारंगत हो जाएं, तो गति पर ध्यान देना शुरू करें।
टाईपिंग में गलतियों को कम करने की रणनीतियाँ
- ध्यान केंद्रित करें : टाईप करते समय ध्यान भटकने से गलतियाँ होती हैं। सुनिश्चित करें कि आप पूर्ण ध्यान से टाईप कर रहे हैं। टाईपिंग टेबल पर की-बोर्ड रखने के लिये पर्याप्त जगह रखे, हो सके तो अनावश्यक सामाना टाईपिंग के दौरान पास में नहीं रखे, अपने मोबाइल फोन को साइलेन्ट मोड पर रखे।
- हाथों की स्थिति सही रखें : गलत अंगुलियों का प्रयोग या गलत स्थिति से टाईपिंग में गलती होने की संभावना बढ़ जाती है।
- अभ्यास में निरंतरता : आप कोई एक समय तय कर लीजिए, जैसे सुबह हो या शाम अथवा दोपहर का, और उस समय पर केवल टाईपिंग पर फोकस करें, जिससे आप यकीन मानिए केवल 15 दिन में ही टाईपिंग सीख जाएंगे। यदि आप जॉब में हैं तो सुबह जल्दी उठकर टाईपिंग के अभ्यास का प्रयास करें। यदि आप रात में टाईपिंग का अभ्यास करना चाहें तो कर सकते हैं, लेकिन अक्सर प्राइवेट नौकरी में पूरे दिन काम करने के बाद लोग थक जाते हैं और शारीरिक क्षमता ही नहीं बचती कि वे टाईपिंग का अभ्यास कर पाएं, इसलिये मैं तो यही सलाह देता हूँ कि आप सुबह जल्दी उठकर टाईपिंग का अभ्यास करें।
सामान्य शब्दों और वाक्यांशों का अभ्यास करें
अक्सर उपयोग होने वाले शब्दों और वाक्यांशों का अभ्यास करने से आपकी टाइपिंग दक्षता में सुधार हो सकता है। जब आप उन शब्दों और वाक्यांशों पर अधिक अभ्यास करते हैं जो रोजमर्रा के जीवन में अधिकतर उपयोग होते हैं, तो आपकी टाइपिंग स्पीड और सटीकता में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होती है। इसके लिये आप टाईपिंग मैटेरियल किसी अखबार पत्रिका अथवा टाईपिंग ऑनलाईन टेस्ट का उपयोग कर सकते है।
इस अभ्यास के दौरान, आपको ऐसे टाइपिंग ड्रिल्स का उपयोग करना चाहिए जो वास्तविक दुनिया के टेक्स्ट पर आधारित हों, जैसे समाचार पत्र, ब्लॉग पोस्ट, या किसी लेख के अंश। इस प्रकार के अभ्यास से आपकी टाइपिंग स्वाभाविक हो जाती है, और आप बिना किसी रुकावट के शब्दों को जल्दी और सही तरीके से टाइप करने में सक्षम होते हैं। यहां पर यदि आप सामान्य ज्ञान की तैयारी किसी अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के लिये कर रहे तो उस विषय के नोट्स भी टाईप करके अपनी टाईपिंग की तैयारी कर सकते है लेकिन यह प्रक्रिया केवल वही लोग अपनायें जिनको टाईपिंग सीखने के लिये कोई जल्दी नहीं है यदि आपको आगामी महिने भर बाद टाईपिंग की परीक्षा पास करनी है तो केवल टाईपिग टेस्ट ही देवें क्योकि उसके सभी प्रकार के सामान्य शब्दो का समावेश आपको आसानी से मिल जायेगा। जो समय की कमी होने के प्रभाव को कम कर देगा, और आप जल्दी टाईपिगं सीख जायेगें।
ध्यान केंद्रित करने की कुछ तकनीकों को अपनाना जरूरी है।
ध्यान केंद्रित करने के लिए एक तरीका यह है कि आप टाइपिंग के दौरान अपने आस-पास के माहौल से खुद को अलग कर लें और सिर्फ टेक्स्ट पर ध्यान केंद्रित करें। इससे आपको किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने में मदद मिलेगी। ध्यान और मानसिक स्थिति का अभ्यास करने से, आप अधिक सटीक और तेज टाइपिंग कर सकते हैं, जिससे आपकी कार्यक्षमता में भी सुधार होता है।
कीबोर्ड शॉर्टकट्स और हॉटकीज
कीबोर्ड शॉर्टकट्स का सही उपयोग आपकी टाइपिंग स्पीड को बढ़ा सकता है। शॉर्टकट्स आपको समय बचाने में मदद करते हैं, क्योंकि आपको माउस या ट्रैकपैड का बार-बार उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती। यह आपको प्रतियोगिता परीक्षा में ना सही लेकिन दैनिक रूप से आप जो टाईपिंग के लेटर या कोई ऑफिस का कार्य करेंगें उसमें आपकी क्षमता को बढायेंगे।
विंडोज और मैक के लिए सामान्य शॉर्टकट्स सीखना और उनका उपयोग करना आपकी टाइपिंग की गति और काम की दक्षता को बढ़ा सकता है।
Common Windows Shortcuts
Shortcut | Action |
---|---|
Ctrl + C | Copy |
Ctrl + X | Cut |
Ctrl + V | Paste |
Ctrl + Z | Undo |
Ctrl + Y | Redo |
Ctrl + A | Select All |
Alt + Tab | Switch between open apps |
Ctrl + F | Find |
Ctrl + S | Save |
Ctrl + P | |
Windows Key + D | Show Desktop |
यहां अगर हम बात करे स्पेशल चिन्हों की जो हिन्दी भाषा में सामान्यतया उपयोग किये जाते है। इनकी प्रेक्टिस आप जरूर करे यदि आपके टाईपिंग प्रतियोगिता परीक्षा में यह वर्णित है कि स्पेशल चिन्ह भी टाईपिंग टेस्ट में पूछे जायेगे।
टाइपिंग के लिये शारीरिक सहनशीलता को बढ़ाना
लंबे समय तक टाइपिंग करने के लिए सहनशीलता विकसित करना आवश्यक है। जब आप लगातार टाइप करते हैं, तो आपके हाथों और कलाई पर दबाव बढ़ता है, इसलिए लंबी सत्रों के लिए टाइपिंग सहनशीलता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
आपकी सहनशीलता को बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास और ब्रेक लेना दोनों महत्वपूर्ण हैं। टाइपिंग करते समय, सुनिश्चित करें कि आप कुछ समय के लिए नियमित ब्रेक लेते हैं ताकि आपकी मांसपेशियों को आराम मिल सके और थकान और चोटों से बचा जा सके। इसके लिये आप आपकी क्षमता अनुसार पहले 15 मिनट फिर 20 मिनट उसके पश्चात 30 मिनट इस तरह टाईपिंग के अन्तराल को बढा सकते है। रिपेटिटिव स्ट्रेन इंजरी (RSI) से बचने के लिए टाइपिंग सत्रों के बीच छोटी-छोटी राहतों का अभ्यास करें।
अपनी टाईपिंग की गति की प्रगति का ध्यान रखे
आपकी टाइपिंग गति और सटीकता को समय के साथ ट्रैक करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपको यह समझने में मदद करता है कि आप कहाँ सुधार कर सकते हैं और कितनी जल्दी आपकी गति और सटीकता में वृद्धि हो रही है।
इसलिए, अपनी प्रगति को मॉनिटर करने के लिए आप टाईपिगं सॉफ्टवेयर का उपयोग करे अथवा आप मोबाइल स्टॉप वॉच का उपयोग भी कर सकते है। यदि आप स्वयं से टाईपिंग स्पीड निकालना चाहे तो आप इस फॉर्मूला का उपयोग कर सकते है।
टाईपिंग स्पीड कैलकुलेशन
ग्रॉस स्पीड:
नेट स्पीड:
उदाहरण:
यदि आपने 5000 अक्षर टाइप किए, और इसमें से 100 गलत थे, तो:- ग्रॉस स्पीड = (5000 / 5) / समय लिया
- नेट स्पीड = (ग्रॉस स्पीड) - [(100 / 5) / समय लिया]
नोट : Backspace, Space, Shift Keypress, Skipped Words are not counted for calculation.
विभिन्न उपकरणों का उपयोग करें, जैसे कि टाइपिंग टेस्ट या स्पीड मीटर। ये उपकरण आपको आपकी टाइपिंग गति और सटीकता पर आधारित परिणाम प्रदान करते हैं, जिससे आप अपने सुधार की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
टाइपिंग टेस्ट और स्पीड मीटर के माध्यम से आप समय-समय पर अपनी गति की तुलना कर सकते हैं और जान सकते हैं कि आपने कितनी तेजी से सुधार किया है। नियमित रूप से अपनी प्रगति को मॉनिटर करने से आपको यह फायदा होगा कि आप समझ पायेगें कि आप कितने पारंगत हो पाये है, और अभी मेरे पास यदि समय कम बचा है परीक्षा में तो मै अपने प्रयास बढा देता हूं। इससे आपको अपने टाइपिंग कौशल को निरंतर बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा मिलती है।
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